दिल्ली देश की राजधानी है इसका वो इलाका जो लुटियन ने बसाया था देश की दिशा तय
करता है। जैसे मुम्बई में नौजवान फिल्म सितारा बनने का सपना लेकर जाते है वैसे ही
दिल्ली यूनिवर्सिटी और जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी में हिन्दुस्तान के कौने कौने
से 18-19 साल के छात्र- छात्राएं ब्यूरोक्रेट्स या छात्र राजनीति से राजनीति में
अपनी जगह बनाने की लालसा लिए आते है।
आखिर दिल्ली के कॉलेजो में क्या है फिर वह चाहे श्री राम कॉलेज हो या
किरोड़ीमल या फिर रामजस हो या सेंट स्टीफेन कॉलेज और लड़कियों के लिए तो देश का
सबसे मशहूर लेडी श्री राम कॉलेज लिस्ट
बहुत लम्बी है पर एक खास बात है जो दिल्ली के कॉलेजो के देश के दूसरे कॉलेजो से
अलग करती है वो है निरंतर बहस जो अलग अलग विषयो पर रात दिन कही न कही होती रहती
है। नये विचार, बुद्धिजिवियों के साथ इंटरएक्शन यह सब लगभग सभी छात्र और
प्रोफेसर्स इन ब्रेन स्टार्मिंग बहसो का हिस्सा होते है और छात्रो की पकड़ कॉलेज
के 5-6 साल के समय में लगभग ब्यूरोक्रेसी या नेतागिरी के सभी विषयो पर गहरी होती
जाती है।
देश की मशहूर जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी और दिल्ली यूनिवर्सिटी में एक लॉबी
और भी है यह लोग सिनियर प्रोफसर्स, रीडर्स और अन्य महत्वपूर्ण पदो पर सालो से काम
कर रहे है और यह समझते है कि वो जो देश व देश की जनता के लिए समझते और सोचते है
वही सही है, देश के लिए भी और व्यक्तिगत हित के लिए भी। इन लोगो का ज्यादातर झुकाव
लेफ्ट की ओर है लेकिन ये लोग जहाँ से फंड मिलते है उस ओर भी झुक जाते है। इन लोगो के साथ नामचीन एंकर, रिपोर्टर जैसे बरखा दत्त, राजदीप, रविश कुमार राणा अय्युब भी जुड़े है। इस लॉबी में आपको सिनियर ब्यूरोक्रेटस् जो इन्ही संस्थानो से निकले है जज, आदि भी मिल जायेगे। ये लॉबी ऐसे स्टूडेंट्स को
आइडेंटिफॉय करती है जो कि इनकी आइडियोलॉजी के नजदीक हो आसानी से इनके मोल्ड में ढल
जाये और ये लॉबी उनको भविष्य का नेता या ब्यूरोक्रेट बनाती है जो इनका कहना हमेशा
मानते है। यह एक निरतंर प्रकिया है और हमेशा चलती रहती है कांग्रेस के शासन काल
में जेएनयू अपनी पूरी आजादी में था और किसी भी प्रकार की गतिविधी पर वहाँ कोई रोक
नही थी। कन्हैया भी ऐसी ही लॉबी और आइडियोलॉजी का हिस्सा था।
अब बात करे गुरमेहर कौर की, एक 18-19 साल की लड़की ने पजांब के जलंधर से लेडी
श्री राम कॉलेज में एडमिशन लिया। गुरमेहर के पिता शहीद थे लड़की के कुछ पोलिटिकल एम्बिशन हो सकते थे यह बात लॉबी को समझ आ गयी कि गुरमेहर के पिता की शहादत को केश किया जा सकता है और कभी भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। गुरमेहर को कल्टीवेट
किया गया। शायद गुरमेहर राम सुब्रमण्यम के संपर्क में उनके फेसबुक पेज वॉइस ऑफ राम से आयी और राम सुब्रमण्यम #प्रोफाइलफारपीस कम्पेन चला रहे थे उसके लिये लगभग
9-10 महिने पहले गुरमेहर का एक विडियो राम सुब्रमण्यम ने वॉइस ऑफ राम नाम के
अकाउंट से यू टूयब पर डाला जिसमें गुरमेहर प्ले कार्ड से बता रही है कि जंग की
विभिषिका में पिता मारे गये थे और पाकिस्तान से दोस्ती की जानी चाहिये, इसमें भारत
सरकार के केलिबर पर भी सवाल उठाया गया था।
इस विडियो के साथ ही गुरमेहर अपनी ट्वीट के माध्यम से राणा अय्युब के सम्पर्क में अायी। राणा अय्युब ने बरखा दत्त को कहा कि इस लड़की को देखे यह पीस का चेहरा हो सकती है। बरखा दत्त ने गुरमेहर के ट्वीट एनडीटीवी के ट्वीटर हेण्डल से रिट्वीट किये। यह बात मई 2016 की है।
फिर गुरमेहर कविता कृष्णन के साथ भी किसी
कार्यक्रम में मंच पर आसीन नजर आयी। एक 20 साल की लड़की ने ऐसा क्या काम किया कि
मंच पर नामचीन हस्तियों के साथ नजर आयी। लेकिन अब गुरमेहर बड़ी बड़ी हस्तियों के बीच थी जो उसको कुर्बानी के बकरे की तरह किसी खास दिन के लिए तैयार कर रहे थे। गुर मेहर अब आप पार्टी के कितने नजदीक थी यह आपको उसकी इस ट्वीट से पता चलेगा जो उसने गोवा में केजरीवाल के प्रवास के दौरान किया था।
रामजस कॉलेज की जो घटना हुई इसकी स्क्रिप्ट इन्ही लोगो ने बड़ी सफाई से लिखी
थी। इन लोगो को पता था कि जब रामजस कॉलेज के सेमिनार में उमर खालिद को आंमत्रित
किया जायेगा तो एबीवीपी चुप बैठने वाली नही है। और ठीक वैसा ही हुअा, उमर खालिद का नाम आते ही एबीवीपी ने हल्ला मचा दिया और फिर रामजस कॉलेज में जो हुआ उसकी कहानी आप जानते ही है। गुरमेहर ने जब वॉक आउट किया तो उसने कहा
कि अगर कोई कुछ कहना चाहता है तो राम सुब्रमण्यम के हेण्डल पर ट्वीट करे।
ये राम सुब्रमण्यम कौन है? राम सुब्रमण्यम एक एड फिल्म मेकर है जो 2013 दिल्ली विधान सभा चुनाव के समय विशाल ददलानी के मार्फत आप पार्टी के सम्पर्क में आया था। दिल्ली विधानसभा चुनाव में इसने अरविन्द केजरीवाल के लिए एक एड फिल्म बनायी थी। जब 2014 में लोकसभा चुनावो में देश की आभिज्यात ल़ॉबी की सारी कोशिशो के बाद भी नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने जोरदार जीत हासिल की और वे प्रधानमंत्री बन गये इस लॉबी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में अरविन्द केजरीवाल को जिताने के लिए सारी ताकत झोंक दी। तब राम सुब्रमण्यम आप पार्टी के मिडीया सेल में सक्रिय रुप से कार्य कर रहे थे। उस समय अरविंद केजरीवाल के लिए राम सुब्रमण्यम ने कई एड बनाये एवं मिडिया कम्पेन चलाया। ऐसा कहा जाता है कि अरविंद केजरीवाल की 2015 विधानसभा चुनाव की जीत में राम सुब्रमण्यम का बड़ा हाथ है और वे उनकी कोर टीम का एक अहम हिस्सा थे। आजकल राम सुब्रमण्यम हेण्डलुम पिक्चर्स के मालिक है और आज भी अरविंद केजरीवाल की कोर टीम के सदस्य है।
बिहार विधानसभा चुनाव के समय बीजेपी को हराने के लिए नयनतारा सहगल ने
असहिष्णुता पर नाराजागी जताते हुए पुरुस्कार वापसी की घोषणा की एक के बाद एक
नामचीन चेहरे कतार में आगये। देश में एक ऐसा माहौल बना दिया की बेचारे बिहारियों
को समझ नही आया की बीजेपी को कहीं जीता दिया तो गलत न हो जाए। नतीजन बिहार बीजेपी
हार गयी। अभी यूपी में चुनाव चल रहे है बीजेपी को चोंट पहुँचाने का इससे अच्छा मौका
नही है। सब जानते है कि तीसरे, चौथे चरणो बीजेपी ने बढ़त हासिल कर ली है। अंतिम
तीन चरणो में बीजेपी की बढ़त यदि कम हो गयी तो सपा कांग्रेस के अवसर अच्छे हो सकते
है। इसलिए जैसे ही हंगामा हुआ मूक गुरमेहर एबीवीपी के खिलाफ प्ले कार्ड लेकर
ट्वीटर पर खड़ी हो गयी। देखते ही देखते तस्वीर वायरल हो गयी और ट्वीटर पर युद्ध
छिड़ गया जिसमें धीरे धीरे जो इसमें शामिल थे वे तो हवा देते ही रहे लेकिन जावेद
अख्तर जैसे लोग भी बगैर सोचे समझे ट्वीट करने लगे।
आजकल मिडिया का जमाना है ज्यादातर
ऐस्टाब्लिश्ड मिडिया जैसे टाइम्स ग्रुप, एनडीटीवी, एबीपी न्यूज चैनल व इनके रिपोर्टर्स भी नरेन्द्र मोदी
की आर्थिक नितीयों, उनके अख्खड़पन और खासतौर पर जो लूट इन बड़े लोगो ने मचायी हुई
थी उसके तमाम रास्ते नरेन्द्र मोदी ने बंद कर दिये है इसलिए ये सख्त नाराज है और
हम जानते है कि टीवी चैनल पर एक छोटी सी घटना का प्रसारण देखते ही देखते पूरे देश
में फेल जाता है और उसका असर हर जगह होता है इसलिए ये लोग जानते है कि दिल्ली में
एबीवीपी की गुंडागिर्दी वाली छवि जो कि एक मासूम 20 साल की लड़की जो बोल भी नही
रही है प्ले कार्ड लेकर खड़ी है उसको परेशान कर रही है तो जनता की सहानभूती उसकी
तरफ चली जायेगी। इस बात को लेकर मिडिया, कांग्रेस और आभिज्यात लॉबी के जावेद अख्तर,
राणा अय्युब, सागरिका घोष, राजदीप, बरखा दत्त जैसे
लोग किरिण रिजिजू, सहवाग, हुड्डा जैसे लोगो को नही छोड़ रहे है। बरखा दत्त, राणा अयुब केजरीवाल इस गुरमेहर को लम्बे समय से कल्टीवेट कर रहे थे। और ठीक समय आने पर इन लोगो ने उसका इस्तेमाल अपने पे मास्टर (कांग्रेस, सपा ) के लिए किया।
लेकिन सोशल मिडिया में तत्काल गुरमेहर के बारे में धीरे धीरे जानकारी आने लगी कि यह लड़की कोई मासूम निर्दोष लड़की नही है जिसे एबीवीपी वाले सता रहे है या धमका रहे है बल्कि एक शहीद की लड़की को इस लॉबी के शातिर लोगो ने बहला फुसला कर एबीवीपी के खिलाफ चेहरा बनाकर ठीक यूपी चुनाव के समय खड़ा किया है।
लेकिन सोशल मिडिया में तत्काल गुरमेहर के बारे में धीरे धीरे जानकारी आने लगी कि यह लड़की कोई मासूम निर्दोष लड़की नही है जिसे एबीवीपी वाले सता रहे है या धमका रहे है बल्कि एक शहीद की लड़की को इस लॉबी के शातिर लोगो ने बहला फुसला कर एबीवीपी के खिलाफ चेहरा बनाकर ठीक यूपी चुनाव के समय खड़ा किया है।
जहाँ ऐस्टाब्लिश्ड मिडिया की अपनी ताकत है वैसे ही सोशल मिडिया की भी
अपनी एक ताकत है और उस पर लगातार देश की जनता इन सब महानायको की अच्छी खबर ले रही
है एक अच्छी बात यह है कि अनुपम खेर, मधुर भंडारकर एवं सुधीर चौधरी एवं रोहित
सरदाना जैसे लोग भी है जो ऐसे लोगो को सही जवाब देने में सक्षम है। कम से कम जो
लोग सोशल मिडिया पर एक्टिव है वो इस पहलू के दोनो पक्षो को अच्छी तरह जान रहे है।
यह हल्ला भी अपने आप 11 मार्च 2017 तक खत्म हो जायेगा और गुरमेहर की जगह इनके पास
हल्ला मचाने कोई नया आ जायेगा।